शनिवार, 30 जनवरी 2010

ठाकुर जी के नाम पाती


ठाकुरजी
जो पाती मैं लिख रहा हूं, वह न जाने कितने लोग लिखने का प्रयास करते होंगे। कितनों ने लिखी भी होगी। अंतस की आवाज से। दिल की कलम से। आंखों की स्याही से। मेरी पाती तो मेरी है। सबकी अपनी पाती होती है। मेरी भी अपनी पाती है। जीवन में आपसे अलग रहा। भटका रहा। नाम सुना था, लेकिन अब आपका ही नाम है। रामनाम को महामंत्र कहा गया है। रामनाम को मोक्ष का द्वार कहते हैं। तुम तो आदि-अनंत हो। क्या जीवन में आदि और अंत होता है। संघर्षों की भट्टी में जब तपकर जीवन को तलाशने की कोशिश करता हूं तो आपका हंसता-मुस्कराता चेहरा सामने आ जाता है। लड्डू खाते हुए। माखन खाते हुए। घुटनों के बल चलते हुए। दुख टूटते हैं तो कुंती का महावाक्य याद आ जाता है-प्रभु मुझको सुख मत देना। मैं तुमसे दुख मांगती हूं।दुख होगा तो आपका सानिध्य मुझको प्राप्त होता रहेगा। ठाकुरजी, मैं कुंती नहीं हूं। कुंती जीवन नहीं हो सकता। वह तो तप और साधना का जीवन है। न हम अर्जुन बन सकते हैं और न कुंती। हम तो आपके द्वारा दिए गए शरीर की आयु पूरी कर रहे हैं। हम महामानव नहीं। हम देव नहीं। हम असुर नहीं। हम क्या हैं, यह हम को भी नहीं पता। आपको तो सब पता होगा। हम क्या हैं और क्यों। फिर, मेरे माधव। हमारा उद्धार क्यों नहीं। क्या यही जीवन है। क्या सुख और शांति ईशातीत विषय है। अगर नहीं तो ठाकुर जी, आप सुनते क्यों नहीं। करुण पुकार। अपनों की पुकार। हम उस परमेश्वर, जगदीश्वर, अनंत, अलौकिक, अप्रमेय, अनंत ब्रह्मांड की सत्ता से मांग रहे हैं जो सबको देता है। जो सबकी सुनता है। हे ईश्वर, हमको विषय विकारों से बाहर निकालो। हमको मोक्ष प्रदान करो। हमको जीवन की वास्तविक संगीत सुना दो। हमको जीवन का राग सुना दो। हमको बासुरी की वह तान चाहिए जो अपनों को गले लगा दे। हमको वह मधुर संगीत चाहिए, जो जग को रोशनी दिखा दे। राग, रंग और उमंग। इस संसार को देखें। यह, अभिमानी और अपने में खोयी हुई दुनिया है। इसके कल का भरोसा नहीं, आज का भरोसा नहीं, एक क्षण का भरोसा नहीं। लेकिन हर कोई एक दूसरे को देखने का दंभ ठोकता है। अशांति की राह पर पूरा विश्व है। तुम तो विश्वेश्वर हो। तुम क्या नहीं कर सकते। सबकुछ कर सकते हो। मेरी सुनो। पुकार सुनो। मैं शरणागत हूं। मुझे अपनी शरण में लो माधव। अपने चरणों में स्थान दे दो माधव। श्री हरि मेरा जीवन हो जाए। श्रीहरि मेरे प्राण बन जाएं। मैं तुम्हारा हो जाऊं। तुम मेरे हो जाओ।